नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का आईपीओ: तीसरे दिन का विवरण

नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव) वर्तमान में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस आईपीओ के जरिए कंपनी का लक्ष्य पूंजी जुटाना है। आइए जानते हैं इस आईपीओ का ओवरव्यू, प्रमुख तिथियां और सब्सक्रिप्शन से जुड़ी जानकारी।
नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का आईपीओ मुख्य बोर्ड में लिस्ट किया जा रहा है। इसका प्राइस बैंड ₹70 से ₹74 प्रति शेयर तय किया गया है। इस आईपीओ के तहत निवेशकों के लिए दो श्रेणियाँ हैं - रिटेल और एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल)।
रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश राशि ₹14,000 निर्धारित की गई है जो 1 लॉट के लिए है, जबकि अधिकतम निवेश सीमा ₹1,92,400 है जो 13 लॉट्स के लिए है। वहीं एचएनआई निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश ₹1,96,000 (14 लॉट्स) और अधिकतम निवेश ₹4,88,400 (33 लॉट्स) है। कुल इश्यू साइज़ ₹2,200 करोड़ का है और यह एक बुक बिल्डिंग ऑफर है।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
इस आईपीओ की शुरुआत 7 नवंबर 2024 को हुई थी और यह 11 नवंबर 2024 को बंद हो गया। इसके बाद 12 नवंबर 2024 को आईपीओ का अलॉटमेंट होगा। अंततः, कंपनी के शेयर 14 नवंबर 2024 को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होंगे। ये तिथियाँ उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो इस आईपीओ में निवेश कर रहे हैं।
घटना | तिथि |
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आईपीओ खुलने की तिथि | 7 नवंबर 2024 |
आईपीओ बंद होने की तिथि | 11 नवंबर 2024 |
अलॉटमेंट तिथि | 12 नवंबर 2024 |
लिस्टिंग तिथि | 14 नवंबर 2024 |
सब्सक्रिप्शन विवरण
सब्सक्रिप्शन विवरण से यह पता चलता है कि इस आईपीओ में निवेशकों का रूझान कैसा रहा है। दिन के आंकड़े के अनुसार, रिटेल निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन दर 2.72x है, जबकि नॉन-इंस्टिट्यूशनल निवेशकों का सब्सक्रिप्शन 0.67x है। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) का सब्सक्रिप्शन 2.06x तक पहुंच गया।
सब्सक्रिप्शन दर:
- पहला दिन (7 नवंबर 2024): 0.65x
- दूसरा दिन (8 नवंबर 2024): 1.17x
- तीसरा दिन (9 नवंबर 2024): 1.8x
इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि रिटेल और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल निवेशकों का अच्छा खासा रूझान इस आईपीओ में देखने को मिला है।
नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का आईपीओ निवेशकों के लिए एक आकर्षक मौका है, खासकर उन लोगों के लिए जो हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं। कंपनी का मजबूत बिसनेस मॉडल और भारतीय स्वास्थ्य बीमा बाजार में बढ़ती मांग इसके पक्ष में है। निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के अनुसार निवेश का निर्णय लेना चाहिए।